लेबनान और सीरिया में पेजर ब्लास्ट, कैसे कम्युनिकेशन डिवाइस बन जाते हैं घातक बम?

लेबनान और सीरिया में पेजर ब्लास्ट, कैसे कम्युनिकेशन डिवाइस बन जाते हैं घातक बम? पिछले कुछ वर्षों में, आतंकवादी गतिविधियों में तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।

लेबनान और सीरिया में पेजर ब्लास्ट

हाल ही में लेबनान और सीरिया के कुछ इलाकों में पेजर ब्लास्ट की घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है। पेजर एक पुरानी तकनीक है, जिसका उपयोग मूल रूप से संचार के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसे विस्फोटकों के साथ जोड़कर खतरनाक बम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे फोन और पेजर जैसे सामान्य उपकरण विस्फोटक डिवाइस में बदले जा सकते हैं और इसके पीछे की तकनीक क्या है।

लेबनान और सीरिया में पेजर

पेजर और फोन को बम में बदलने की प्रक्रिया

लेबनान और सीरिया में पेजर से और मोबाइल फोन जैसी संचार उपकरणों को बम में बदलने की प्रक्रिया को आमतौर पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के नाम से जाना जाता है। इसमें अपराधी या आतंकवादी उपकरणों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को विस्फोटक से जोड़ देते हैं। जब कोई सिग्नल या कॉल इन उपकरणों पर रिसीव होती है, तो यह ट्रिगर के रूप में काम करता है और विस्फोटक को सक्रिय कर देता है। आइए, इस प्रक्रिया को और गहराई से समझते हैं:

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विस्फोटक सामग्री का संयोजन

पेजर या फोन को खोलकर उसके भीतर प्लास्टिक विस्फोटक (जैसे C-4 या TNT) छिपाया जाता है। सर्किट और बैटरी को इस प्रकार से जोड़ा जाता है कि जब पेजर पर सिग्नल आए, तो यह विस्फोटक को ट्रिगर कर दे।

रिमोट एक्सेस

फोन और पेजर दोनों का उपयोग रिमोट कंट्रोल बम के रूप में किया जा सकता है। फोन पर एक कॉल या पेजर पर एक संदेश भेजकर दूरस्थ रूप से इसे ट्रिगर किया जा सकता है।

टाइमर और अलार्म

कई बार फोन का टाइमर या अलार्म भी बम को डिटोनेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे समयबद्ध तरीके से प्रोग्राम किया जा सकता है, जिससे हमलावर मौके से दूर रहकर हमले को अंजाम दे सकता है।

पेजर और फोन को बम बनाने के पीछे की रणनीति

लेबनान और सीरिया में पेजर तकनीक का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि पेजर और फोन रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं, और इनका उपयोग करने से संदेह नहीं होता। छोटे आकार के कारण इन्हें छिपाना आसान होता है और विस्फोटक जोड़ने पर यह एक शक्तिशाली बम बन जाता है।

लो प्रोफाइल

पेजर और फोन का आकार छोटा होता है और इन्हें साधारण दिखने वाले सामानों में रखा जा सकता है, जिससे सुरक्षा जांच में भी यह आसानी से पकड़े नहीं जाते।

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कम लागत और आसानी से उपलब्ध

पेजर और पुराने मोबाइल फोन आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिससे इन्हें बम के रूप में इस्तेमाल करना किफायती और सुविधाजनक हो जाता है।

पेजर और फोन बम से बचाव के उपाय

हालांकि इन उपकरणों का बम के रूप में इस्तेमाल चिंता का विषय है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर इनसे बचा जा सकता है:

मोबाइल जैमर और पेजर सिग्नल ब्लॉकिंग

सुरक्षा एजेंसियों के लिए विशेष मोबाइल जैमर और पेजर सिग्नल ब्लॉकर का उपयोग करना एक प्रभावी तरीका हो सकता है। इनका उपयोग कर विस्फोटकों को ट्रिगर होने से रोका जा सकता है।

विस्फोटक डिटेक्शन सिस्टम

हवाई अड्डों और संवेदनशील क्षेत्रों में X-ray और स्कैनिंग उपकरणों का उपयोग करके संदिग्ध उपकरणों की पहचान की जा सकती है। विशेष रूप से प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मी और स्निफर डॉग्स विस्फोटक सामग्री का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

लेबनान और सीरिया में पेजर साइबर सर्विलांस

संदिग्ध कॉल और मैसेज पर नजर रखकर संभावित खतरे का पता लगाया जा सकता है। लेबनान और सीरिया में पेजर से रिमोट बम ट्रिगरिंग से पहले इसकी सूचना सुरक्षा एजेंसियों को दी जा सकती है।

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लेबनान और सीरिया में पेजर में ब्लास्ट क्या हो रहा है?

लेबनान और सीरिया जैसे क्षेत्रों में पेजर ब्लास्ट की घटनाएं आतंकवादियों द्वारा अपनाई गई नई रणनीति को दर्शाती हैं। ये घटनाएं संकेत देती हैं कि कैसे पुरानी तकनीकों का पुनः उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां अब इन उपकरणों के उपयोग पर कड़ी निगरानी रख रही हैं, लेकिन यह नई चुनौती सुरक्षा की मौजूदा प्रणालियों को और सख्त करने की मांग करती है।

लेबनान और सीरिया में पेजर से सावधानी और सुरक्षा की नई दिशा

संचार उपकरणों का दुरुपयोग रोकने के लिए दुनिया भर की सरकारें और सुरक्षा एजेंसियां लगातार नई तकनीकों पर काम कर रही हैं। स्मार्टफोन, पेजर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की निगरानी बढ़ाई जा रही है। साथ ही, साइबर क्राइम यूनिट्स संभावित संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही हैं ताकि आतंकवादी हमलों को रोका जा सके।

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